Krishna Blog,भगवद गीता Bhagvad Geeta – Facts and Figures

Bhagvad Geeta – Facts and Figures

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1. भगवद्गीता का परिचय



रचयिता: महर्षि वेदव्यास

भाग: महाभारत के भीष्म पर्व (अध्याय 23 से 40) का हिस्सा।

श्लोकों की संख्या: 700 श्लोक।

अध्यायों की संख्या: 18 अध्याय।

भाषा: संस्कृत।

शैली: संवादात्मक।



2. गीता का संदर्भ

यह अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण के बीच महाभारत युद्ध के दौरान हुआ संवाद है।

कुरुक्षेत्र के युद्धभूमि में अर्जुन के मोह और धर्म संकट को दूर करने के लिए यह उपदेश दिया गया।



3. मुख्य विषय

कर्म योग, भक्ति योग, ज्ञान योग।

आत्मा, धर्म, ईश्वर और मुक्ति पर गहन विचार।



4. श्लोक वितरण

भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा: 574 श्लोक।

अर्जुन के द्वारा: 84 श्लोक।

संजय के द्वारा: 41 श्लोक।

धृतराष्ट्र के द्वारा: 1 श्लोक।



5. महत्त्वपूर्ण तथ्य

गीता को “भारत की आत्मा” कहा जाता है।

यह न केवल धार्मिक ग्रंथ है बल्कि जीवन जीने की कला सिखाता है।

विश्व के प्रमुख नेताओं जैसे महात्मा गांधी, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, और ओपरा विन्फ्रे ने गीता से प्रेरणा ली है।

इसे 100 से अधिक भाषाओं में अनुवादित किया गया है।



6. प्रमुख सिद्धांत

कर्म का सिद्धांत: कर्म करो, फल की चिंता मत करो।

भक्ति का मार्ग: भगवान पर समर्पण करो।

साम्य दृष्टि: हर जीव को समान दृष्टि से देखो।

ज्ञान का महत्व: अज्ञानता को ज्ञान से मिटाओ।



7. श्लोक 2.47 (प्रसिद्ध श्लोक)
“कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥”

अर्थ: कर्म करना तुम्हारा अधिकार है, लेकिन उसके फल पर नहीं।


गीता हर युग में जीवन के विभिन्न पहलुओं का समाधान देने वाली ग्रंथ है।

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