Category: भगवद गीता

Bhagvad Geeta – Facts and FiguresBhagvad Geeta – Facts and Figures

1. भगवद्गीता का परिचय रचयिता: महर्षि वेदव्यास भाग: महाभारत के भीष्म पर्व (अध्याय 23 से 40) का हिस्सा। श्लोकों की संख्या: 700 श्लोक। अध्यायों की संख्या: 18 अध्याय। भाषा: संस्कृत।

कर्म संन्यास योग – अध्याय 5कर्म संन्यास योग – अध्याय 5

अध्याय 5: कर्म संन्यास योग                            इस अध्याय में श्रीकृष्ण कर्म संन्यास योग (कर्मों के त्याग का मार्ग) की तुलना कर्म योग (भक्ति में काम करने का मार्ग) से करते हैं।

अध्याय 4: ज्ञान कर्म संन्यास योगअध्याय 4: ज्ञान कर्म संन्यास योग

• ज्ञान – इसका तात्पर्य ज्ञान, बुद्धि या आध्यात्मिक बुद्धि से है। • कर्म – यह क्रिया या कर्मों को दर्शाता है, जो अक्सर किसी के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों से

अध्याय 3 – कर्मयोग क्या होता है?अध्याय 3 – कर्मयोग क्या होता है?

गीता में जिस मुख्य चीज़ का उपदेश बार-बार दिया गया है, वह ‘कर्मयोग’ ही है। निष्क्रिय किंकर्तव्यविमूढ़ अर्जुन के अन्दर कर्म का उत्साह भरने के लिए ही गीता की रचना

भगवद् गीता अध्याय 2 – सांख्य योगभगवद् गीता अध्याय 2 – सांख्य योग

भगवद गीता के दूसरे अध्याय को “सांख्य योग” के नाम से जाना जाता है। यह अध्याय अर्जुन की मानसिक स्थिति को स्पष्ट करता है और श्रीकृष्ण द्वारा दी गई शिक्षाओं

भगवद् गीता – प्रथम अध्याय – अर्जुन विषाद योगभगवद् गीता – प्रथम अध्याय – अर्जुन विषाद योग

Chapter 1 of the Bhagavad Gita, titled Arjuna Vishada Yoga (अर्जुन विषाद योग), delves into Arjuna’s inner turmoil and anxiety as he faces the prospect of fighting his loved ones